Sunday, June 14, 2015

छोटी इलायची के बड़े फायदे....



छोटी इलायची के बड़े फायदे....

 

घर में आम तौर पर ऐसी कई सारी चीजें होती है जिन्हें हम रोजाना मुखवास या मसालों के रूप में उपयोग करते हैं, लेकिन वे मसाले अन्य कई तरह से हमारे लिए उपयोगी एवं लाभकारी होते हैं, जिनकी हमें जानकारी ही नहीं होती .... ऐसी ही एक बेशकीमती चीज है इलायची ...

जी हां आमतौर पर हम लोग इलायची को केवल मुखवास या मसालों की तरह उपयोग में लाते हैं, लेकिन इसके अलावा भी इलायची के कुछ फायदे हैं...
जिस तरह से तुलसी को जडी बूटियों और औषधि‍यों में सबसे  श्रेष्ठ माना गया है, उसी तरह इलायची को मसालों में सर्वोपरि माना जाता है ...लेकिन आखि‍र कौन से गुणों के कारण इसे मसालों की रानी कहा जाता है आइए जानते हैं-



  • इलायची में प्राक़तिक रूप से वाष्पशील तेल मौजूद होता है, जो रोगाणु विरोधी होता है और दर्द के निवारण में सहायक होता है 
  
  • इलायची, एनोरेक्सिया और अस्थमा जैसी सांस से संबंधि‍त अन्य समस्याओं के लिए काफी फायदेमंद है। 
 
  • इलायची, पाचन तंत्र को उत्तेजित करती है, जिससे अम्ल बढ़ने के कारण पेट फूलने जैसी समस्याओं में लाभ होता है, और इलायची पाचन तंत्र की समस्त गतिविाधि‍यों को मजबूत करती है, जिससे भूख भी बढ़ती है। 

  • सीने में जलन होने एवं गैस से संबंधित समस्याएं होने पर भी इलायची बेहद लाभदायक होती है।
  •  इलायची में पाए जाने वाले अनुत्तेजक तत्व, शरीर के विभिन्न अंगों एवं जोड़ों में अकड़न की समस्या को भी दूर करते हैं। 
  • इसके अलावा प्रतिदिन इलायची का सेवन, कई तरह की बीमारियों से शरीर की रक्षा करने में सहायक होता है। 
 

नपुंसकता दूर भगाए रोज इलायची खाएं...

हमारे देश की जैव विविधता दुनिया के किसी भी दूसरे देश से कहीं ज्यादा है। देश में जितनी किस्म की जड़ी बूटियां और मसाले पैदा होते हैं उतने कहीं और नहीं होते। भारतीय भोजन शैली में मसालों को चटपटेपन के लिए नहीं बल्कि उनके चिकित्सकीय फायदों के कारण डाला जाता है। कई मसाले ऐसे हैं जिनके फायदे तो हम भूल चुके है लेकिन उनका इस्तेमाल हो रहा है। अमृत जड़ी बूटी सीरीज में पढ़िए ऐसे ही मसालों से जुड़ी रोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारी-
 
हरी इलायची को हम केवल मुंह साफ करने वाले मसाले के तौर पर जानते हैं। हमारी रसोई में यह हमेशा विद्यमान रहती है। इसके कुछ फायदों के बारे में भले ही हमें जानकारी हो लेकिन क्या हम जानते हैं कि दूध और इलायची के संयोग से एक सशक्त वाजीकरण नुस्खा तैयार होता है।
मुंह की बदबू होती है दूर : सभी जानते हैं कि इलायची खाने से मुंह की बदबू दूर होती है लेकिन क्या यह सोचा है कि मुंह से बदबू क्यों आती है। दरअसल पेट खराब होने के कारण मुंह से बदबू आने लगती है। हरी इलायची खाने से पेट का हाजमा ठीक होता है साथ ही इसमें मौजूद एक ताकतवर एंटीबैक्टेरियल रसायन की वजह से मुंह की बदबू भी खत्म होती है।

यह समस्या को जड़ से निकालने में मदद करती है। इसका नियमित सेवन करने के लिए कोई टिप की आवश्यकता नहीं है, हर बार भोजन के बाद इलायची खाना शुरु कर दें। इसके अलावा सुबह उठते ही केवल इलायची की चाय यानी इलायची को पानी में उबालकर एक कप पिएं। इससे आपका हाजमा ठीक हो जाएगा। 
 

सेक्स लाइफ को बढ़ाती है इलायची : इलायची को वाजीकरण नुस्खे के तौर पर भी जाना जाता है। इलायची एक ऐसे टॉनिक के रूप में भी काम करती है जिससे सेक्स लाइफ में इजाफा होता है। यह शऱीर को ताकत प्रदान करने के साथ-साथ असमय स्खलित होने और नपुंसकता की समस्या से भी निजात दिलाने में सक्षम है।  
 
दूध में इलायची डालकर उबालें। खूब अच्छे से उबल जाए तो इसमे शहद मिलाएं और नियमित रूप से रात को सोते समय इसे पी लें। आप देखेंगे कि आपकी सेक्स लाइफ में आनंद के साथ दीर्घता भी शामिल हो गई है। 


हाजमा की प्रक्रिया दुरुस्त होती है : कभी यह सोचा है कि भोजन के बाद इलायची को सौंफ के साथ ही क्यों खाया जाता है? दरअसल इलायची में मौजूद तत्व हाजमें की प्रक्रिया को गति को तेज करने में सहायक होते हैं। इलायची पेट की अंदरूनी लाइनिंग की जलन को शांत करती है हृदयशोथ और उबकाइयां आने के एहसास को दबाती है। 
 
 
यह म्यूकस मैंब्रेन की दाह को शांत करने तथा उसे ठीक से काम करने के लिए प्रेरित करने के लिए जानी जाती है। यह ऐसिडिटी के लक्षणों को भी कम करती है। आयुर्वेद में तो यह पेट के पानी और वहां मौजूद वायु को ठीक करने वाली मानी गई है।

बदहजमी, पेट फूलना, गैसेस जैसी समस्या से निपटने के लिए हरी इलायची, खड़ा धनिया, लौंग,सुखी अदरक को मिलाकर पीस लें और गर्म पानी के साथ एक चम्मच लें। बदहजमी के कारण उठे सिरदर्द में हरी इलायची की चाय फायदा करती है। 
 
 
 एसिडिटी से छुटकारा : क्या आप जानते हैं कि इलायची में तैल भी मौजूद होता है। इलायची में मौजूद इसेंशियल ऑयल पेट की अंदरुनी लाइनिंग को मजबूत करने में सहायक होता है। एसिडिटी में पेट में एसिड्स जमा हो जाते हैं। उससे पेट की लाइनिंग क्षतिग्रस्त हो सकती है।
 
 
 
 
 इलायची मुंह में लेते ही लार अधिक मात्रा में बनने लगती है इससे एसिडिटी का प्रभाव कम हो जाता है और इससे छुटकारा मिलता है। हर बार भोजन के बाद इलायची जरूर खाएं। भोजन करने के तत्काल बाद बैठने की बजाए इलायची मुंह में दबाकर सौ कदम चलें। आयुर्वेद में इसे शतपादवली चिकित्सा भी कहा जाता है।
 
फेफड़ों की समस्या का निदान : हरी इलायची से फेफड़ों में रक्तसंचार तेज गति होने लगता है, इससे सांस लेने की समस्या जैसे अस्थमा, तेज जुकाम और खांसी जैसे रोगों के लक्षणों में कमी आती है। आयुर्वेद में इलायची को गर्म तासीर का माना गया है जो शरीर को अंदर से गर्म करती है। इससे बलगम और कफ बाहर निकालकर छाती की जकड़न को कम करने में मदद मिलती है।
 



यदि छाती में जुकाम की वजह से जकड़न हो गई हो और सांस लेना दूभर हो रहा हो तो इलायची का तेल की चंद बूंदें उबलते हुए पानी में डाल दें और इस पानी की भाप लें। भाप 15 मिनट से कम नहीं लेना चाहिए। बीच बीच में चेहरे से पानी पोंछते रहें लेकिन इस प्रक्रिया को अधबीच में ना छोड़ें।

रक्तअल्पता को कम करती है इलायची : इलायची में मौजूद है एक महत्वपूर्ण धातु यानी तांबा। इसके अलावा इसमें लौहांश, आवश्यक विटामिन्स जैसे राइबोफ्लाविन, विटामिन सी, और नियासिन भी मौजूद रहते हैं। इन सभी तत्वों को लाल रक्तकणों को उत्पन्न करने एवं बढ़ाने में महत्वपूर्ण माना जाता है।




शरीर में रक्त की कमी के कारण पैदा हुए लक्षणों को कम करने में इलायची महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रक्तअल्पता दूर करने के लिए इलायची पावडर को हल्दी के साथ गर्म दूध में डालकर लेना चाहिए। चाहें तो मिश्री अथवा गुड़ से मीठा भी कर सकते हैं। गुड़ में अधिक मात्रा में लोहा होता है जिससे रक्तअल्पता का ठीक तरह से मुकाबला किया जा सकता है।
 
 
विषैले तत्वों को दूर करती है इलायची : शरीर से विषैले तत्वों का निष्काषन करने में इलायची मदद करती है। यह फ्री रेडिकल्स का भी मुकाबला करती है। इलायची मैंगनीज नामक खनिज का भी एक बड़ा स्रोत है। मैंगनीज से ऐसे एंजाइम्स उत्पन्न होते हैं जो फ्री रेडिकल्स को खत्म करके खा जाते हैं। इसमे विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकाल फेंकने की ताकत होती है जिससे शरीर कैंसर जैसे महारोगों से भी मुकाबला करने के लिए सक्षम हो जाता है।




दिल की धड़कने की गति सुधरती है : इलायची में पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नेशियम जैसे खनिज पदार्थ मौजूद हैं। साथ ही यह आवश्यक नमक की भी खान समझी जाती है। किसी भी इंसान के रक्त, शरीर में मौजूद तरल और ऊतकों का प्रमुख तत्व है पोटेशियम। इलायची के जरिए इसकी खूब आपूर्ति होती है। इसी से इंसान का रक्तचाप नियंत्रण में रहता है।

1 comment:

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